The Fact About baglamukhi shabar mantra That No One Is Suggesting



करालवदनां घोरां मुक्तकेशीं चतुर्भुजाम् ।

पीताम्बर-धरां देवीं, पीत-पुष्पैरलंकृताम् । बिम्बोष्ठीं चारु-वदनां, मदाघूर्णित-लोचनाम् ।।

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 इस मंत्र का प्रयोग आजमाने हेतु या निरपराधी व्यक्ति पर भूल कर न करें नहीं तो दुष्परिणाम भोगने ही पड़ जाता है।

विनियोग : अस्य श्री तारामन्त्रस्य अक्षोभ्य ऋषिः, वृहती छन्दः, तारा देवता, ह्रीं बीजं, हूं शक्तिः, स्त्रीं कीलकं, सर्वाभीष्ट सिद्धयर्थे जपे विनियोगः।

बगलामुखी तंत्र साधना के जो मत्रं है तथा वेदोक्त पूजन है, उनके प्रभाव को देखते हुए क्या बगलामुखी शाबर मंत्रों का प्रभाव ज़्यादा है?

वैरि-जिह्वा-भेदनार्थं , छूरिकां विभ्रतीं शिवाम् । पान-पात्रं गदां पाशं, धारयन्ती भजाम्यहम् ।॥

श्री विपरीत प्रत्यंगिरा मंत्र साधना एवं सिद्धि

‘‘जय जय बगला महारानी, अगम निगम की तुम्हीं बखानी, संकट में घिरा दास तुम्हारो,

शमशान भूमि पर दक्षिण दिशा की तरफ़ एक त्रिकोण बना कर त्रिकोण के मध्य में शत्रू का नाम उच्चारण करते हुए लोहे की कील ठोकने पर शत्रू को कष्ट प्राप्त होता है,

It is also applied for protection towards enemies and damaging energies. The exercise of Baglamukhi Shabar Mantra Sadhana is usually thought to assist in attaining spiritual expansion and enlightenment.

वैदिक मंत्रों की भांति इनमें बहुत लम्बा अनुष्ठान करने की आवश्यकता नहीं होती है। इन्हें किसी विशिष्ट काल में थोड़े ही संख्या में जप करने से कार्य पूर्ण हो जाता है। इनकी baglamukhi shabar mantra साधना हेतु साधक को अल्प अवधि में, थोडे़ से परिश्रम से सिद्धि प्राप्त हो जाती है। मंत्रों की सरलता और सुगमता होने के साथ-साथ ही इनमें परम चमत्कारी गुण भी विद्यमान हैं। इनमें विभिन्न प्रांतों के क्षेत्रीय भाषाओं में षट्कर्मो, जैसे- शांतिकरण , वशीकरण, आकर्षण, उच्चाटन, विद्वेषण तथा मारण कर्मों के विधानों का उल्लेख आता है, जो साधकों के लिए वरदान स्वरूप प्रतीत होते हैं।

हस्ताभ्यां पाशमुच्चैरध उदित-वरां वेद-बाहुं भवानीम् ।।

भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की, जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है ।

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